"बुलडोजर बाबा ने दिया ऐसा जवाब तो बिलबिला उठा विपक्ष" शीर्षक वाले एक यूट्यूब वीडियो में- बाबा थके हुए लग रहे थे. उनकी थकान समझी जा सकती थी. यह वीडियो 22 फरवरी को जारी किया गया था और अजय सिंह बिष्ट लगभग डेढ़ महीने से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी स्थिति बरकरार रखने के लिए प्रचार कर रहे थे. बिष्ट ने अपनी सरकार द्वारा मुस्लिम घरों के विध्वंस के लिए "बुलडोजर बाबा" की उपाधि अर्जित की थी. अगले दिन दुनिया के सबसे बड़े प्रांतीय चुनावों में चौथे चरण का मतदान होना था, घोषणा से लेकर परिणाम तक तीन महीने का भीषण मैराथन. भारतीय जनता पार्टी के राज्य प्रचार अभियान के इकलौते चेहरे बिष्ट का बेहद व्यस्त कार्यक्रम था.
देश के सबसे बड़े मीडिया हाउस एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के लिए उनका पीछा कर रहे थे, लेकिन उन्हें सीमित सफलता मिली थी. एक प्रमुख अंग्रेजी टेलीविजन चैनल के उत्तर प्रदेश चुनाव कवर करने वाले पत्रकारों में से एक ने हमें बताया कि उन्होंने तीन महीने से अधिक समय तक कोशिश की, लेकिन मुख्यमंत्री के साथ दस मिनट की बातचीत भी नहीं कर पाए. इसके बजाय एक यूट्यूब चैनल, खबर इंडिया को इंटरव्यू मिला, जिसने मात्र चार साल पहले अपना पहला वीडियो- एक मोटरबाइक कैसे बेचें - अपलोड किया था. इन इंटरव्यू की पहुंच को कम आंकना आसान है. बुलडोजर बाबा के इंटरव्यू को यूट्यूब पर लगभग चौथाई मिलियन और फेसबुक पर लगभग नौ लाख बार देखा गया. बिष्ट ने जल्द ही कई अन्य यूट्यूबरों को इंटरव्यू दिए : राजधर्म चैनल ने "सिर्फ 3 सवालों में सीम योगी का इंटरव्यू, जो यूपी चुनाव को पूरी तरह पलट देगा" शीर्षक से एक इंटरव्यू अपलोड किया, जबकि हेडलाइंस इंडिया ने "योगी आदित्यनाथ का सबसे तेज तर्रार इंटरव्यू, जिसे देख अपराधियों में मचा हड़कंप" शीर्षक से एक इंटरव्यू प्रकाशित किया. द राजधर्मा और हेडलाइंस इंडिया दोनों के इंटरव्यू को यूट्यूब पर पांच लाख से ज्यादा बार देखा गया.
ये यूट्यूब चैनल प्लेटफॉर्म पर अपनी सामग्री को इतनी तेजी से फैलाने में माहिर हैं कि मुख्यधारा के मीडिया चैनल रश्क कर सकते हैं और अक्सर ज्यादा वफादार दर्शक उन्हें मिलते हैं. रिपब्लिक टीवी के संस्थापक और तेजतर्रार एंकर अर्नब गोस्वामी का मुख्यमंत्री का लिया इंटरव्यू यूट्यूब पर केवल चार लाख बार देखा गया था. ओ न्यूज हिंदी नाम के एक यूट्यूब चैनल, जो इसी तरह की सामग्री प्रकाशित करता है, के ऋषभ अवस्थी ने कहा, "मुख्यमंत्री के साथ यूट्यूबरों के इंटरव्यू उनकी अपनी पीआर टीम द्वारा व्यवस्थित किए गए थे." उन्हें इस बात का दुख था कि उन्हें मौक नहीं मिला.
ये चैनल घोर-दक्षिणपंथी यूट्यूबरों के बढ़ते समूह से संबंधित हैं, कई हाल ही में कुछ बीस कॉलेज स्नातकों द्वारा शुरू किए गए आमतौर पर जिनके नाम ही इस तरफ इशारा करते हैं कि वे उच्च-जाति से हैं. वे अपनी पहुंच, समाचार एजेंडा सेट करने की अपनी क्षमता और नफरती बयान और इस्लामोफोबिया के सबसे चरम रूपों को पेश करने के मामले में तेजी से मुख्यधारा के समाचार चैनलों से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. हिंदी यूट्यूब की तुलनात्मक रूप से अनियमित निरंकुशता में, राष्ट्रीय राजधानी के आसपास स्थित इन दर्जनों अलग-अलग चैनलों ने सावधानीपूर्वक निर्धारित वोक्स-पॉप वीडियो और हिंदू चरमपंथी बैठकों के विजयपूर्ण कवरेज के आधार पर छोटे साम्राज्यों का निर्माण किया है.
इन चैनलों को नजरंदाज नहीं किया जा सकता. इस माध्यम के पुराने चैनलों को जितना देखा जाता है वह मुख्यधारा के समाचार संगठनों को यकीन के साथ चुनौती दे सकते हैं. खबर इंडिया की यूट्यूब पर कुल 160 मिलियन से अधिक दर्शक संख्या है, जबकि प्यारा हिंदुस्तान के लगभग 700 मिलियन दर्शक हैं, द न्यूज के 1.2 बिलियन दर्शक हैं, हेडलाइंस इंडिया के 2 बिलियन, एचडीवी न्यूज के पास 240 मिलियन और यूथ मीडिया टीवी के पास 150 मिलियन दर्शक हैं. उनके सब्सक्राइबरों की संख्या भी अच्छी-खासी है, खबर इंडिया के आठ लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं, जबकि शाइनिंग इंडिया के पास 1.34 मिलियन, राजधर्म के पास लगभग 2 मिलियन और प्यारा हिंदुस्तान के पास 2.84 मिलियन सब्सक्राइबर हैं. उनका हर वीडियो फेसबुक, व्हाट्सएप, टेलीग्राम और ट्विटर पर भी लंबे समय तक रहता है.
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